Monday, December 19, 2011

मुझे तो मजबूरी में करना पडता है

एक कहावत है -
"अपने बच्चे और पडोसी की घरवाली सबको अच्छे लगते हैं"
एक बार फत्तू चौधरी घर आये तो देखा की उनका मित्र रलदू उनकी पत्नी का आलिंगन किये हुए है। फत्तू को देखते ही दोनों घबरा गये और सकपका कर अलग-अलग खडे हो गये। 
फत्तू चौधरी - अरे रलदू, तू भी
रलदू - नहीं नहीं॥…………
फत्तू चौधरी - अरे मुझे तो यह करना पडता है, क्योंकि यह मेरी पत्नी है, मगर तू भी इसे आलिंगन कर रहा है, तेरी क्या मजबूरी है???



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कौन-कौन आ रहा है एक बार फिर से नजर मार लें और जिनके नाम निम्न सूचि में नहीं हैं कृप्या टिप्पणी ईमेल या फोन द्वारा इन नम्बरों पर श्री राज भाटिया जी को 09999611802 या अन्तर सोहिल (मुझे) को 09871287912 पर अपने आने की खुशखबरी जल्द दें।
श्री सतीश सक्सेना जी और श्री शाहनवाज जी की भी आने की पूरी संभावना है।

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